जो आप हि कर सकती हैं

ഗീതിക രഞ്ജിത്

दिल मे बसी कटिनाई को कोन सुलझाया ?
अरे, दिल मे बसी कटिनाईको कोन सुलझाया ?
जो मेरे माँ हि कर सकती है |

आँखों से निकली आँसु को कोन पौंचा ?
अरे , आँखों से निकली आँसु को कोन पौंचा ?
जो मेरे माँ हि कर सकती है |

जब खिर पड़े, हाँ जब खिर पड़े
कोन मेरे र्दद को अपने आँचल मे चुपाया ?
जैसे मेरे माँ हि कर सकती है |

हाँ सब कुछा मेरे माँ हि कर सकती है, मेरे लिए |
माँ मुझे आपकी ममता कि आँचल मे बसावो |

मुझे आपकी खोद मे बिड़ावो
माँ मुझे आपकी पवित्र मन से हिम्मत दो |
जो आप ही कर सकते है |


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