दिल मे बसी कटिनाई को कोन सुलझाया ?
अरे, दिल मे बसी कटिनाईको कोन सुलझाया ?
जो मेरे माँ हि कर सकती है |
आँखों से निकली आँसु को कोन पौंचा ?
अरे , आँखों से निकली आँसु को कोन पौंचा ?
जो मेरे माँ हि कर सकती है |
जब खिर पड़े, हाँ जब खिर पड़े
कोन मेरे र्दद को अपने आँचल मे चुपाया ?
जैसे मेरे माँ हि कर सकती है |
हाँ सब कुछा मेरे माँ हि कर सकती है, मेरे लिए |
माँ मुझे आपकी ममता कि आँचल मे बसावो |
मुझे आपकी खोद मे बिड़ावो
माँ मुझे आपकी पवित्र मन से हिम्मत दो |
जो आप ही कर सकते है |